Akhilesh Yadav की सपा नेताओं को चेतावनी, कहा- BJP नेताओं की No Entry, न करें उनकी पैरवी
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी के नेताओं को भारतीय जनता पार्टी नेताओं से दूर रहने की चेतावनी दी है. अखिलेश ने कहा कि जो भी भाजपा नेताओं को पार्टी में लेने की पैरवी करेगा उसे बाहर कर देंगे. ऐसा कहकर अखिलेश अपना माहौल बनाए रखना चाहते हैं. अखिलेश ये बताना चाहते हैं कि भाजपा में भगदड़ मची है. भाजपा में सब अपने लिए बेहतर रास्ते तलाश रहे हैं. इस बीच अखिलेश लिए चुनौती लोकसभा चुनाव वाले नतीजों को विधानसभा चुनाव में दोहराने की है. यूपी विधानसभा चुनाव 2027 के शुरुआत में होना है. तब तक सपा का माहौल टाइट कैसे रहे, इसीलिए अखिलेश ने चेतावनी वाला ये दांव चला है.
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सपा मुखिया अखिलेश यादव दो साल के ब्रेक के बाद फिर से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हैं. बुधवार सुबह जब अखिलेश संसद के लिए निकल रहे थे तभी पश्चिमी यूपी के एक नेता उनसे मिलने पहुंच गए. वो अखिलेश की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. अखिलेश से मिलाने के लिए वो अपने साथ भाजपा के एक नेता को लेकर गए थे. वो चाहते थे कि भाजपा के नेता को अखिलेश टिकट देने की गारंटी दें, लेकिन अखिलेश दूसरे मूड में थे. न अखिलेश ने टिकट की गारंटी दी और न ही भाजपा के नेता से मिलने को तैयार हुए. भाजपा नेता दिल्ली में अखिलेश के घर के बाहर अपनी गाड़ी में बैठे रहे. अखिलेश ने तो सपा के उस नेता को दोबारा ऐसा काम न करने की नसीहत भी दे डाली.
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ये सच है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही समाजवादी पार्टी जोश हाई है. सपा ने अब तक का सबसे बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 37 सीटें जीती हैं, जबकि यूपी भारतीय जनता पार्टी में घमासान मचा है, आपसी गुटबाज़ी चरम पर है, भाजपा में एक नेता दूसरे का काम लगाने में जुटा है. ऐसे में भाजपा के कुछ नेता अभी से साइकिल की सवारी करने के जुगाड़ में जुटे हैं.
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फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद इन दिनों अखिलेश यादव के आसपास ही दिखाई देते हैं. अचानक से पार्टी के अंदर और बाहर अवधेश प्रसाद अहमियत बढ़ गई है. एक दिन अचानक अवधेश प्रसाद लखनऊ में अखिलेश से मिलने पहुंचे. अवधेश प्रसाद भाजपा के एक नेता को सपा में लेने की जिद करने लगे. अखिलेश ने बहुत समझाया,लेकिन अवधेश प्रसाद मानने को तैयार नहीं हुए.
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अखिलेश यादव दोनों तरह के मजे लेने के मूड में हैं. अखिलेश चाहते हैं कि यूपी के गांव-गलियों तक ये बात फैल जाए कि भाजपा अब डूबती नैया है. भाजपा के नेताओं में पार्टी छोड़ने की होड़ मची है,लेकिन लोगों को लेकर अखिलेश सपा की सेहत खराब नहीं करना चाहते हैं.
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दलबदलू नेताओं के कारण सपा में बवाल न हो जाए इसका अखिलेश यादव विशेष ध्यान रख रहे हैं. यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में इस तरह के आरोप अखिलेश पर लगे थे. इसका नुकसान भी अखिलेश को चुनाव में हुआ।इसीलिए इस बार अखिलेश कोई गलती दोहराने के मूड में नहीं हैं.