दिल के बीमारियों का बढ़ता खतरा : युवा उम्र में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़े, जानिए कैसे बचें

हमारा दिल हमारी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जिसकी धड़कन से ही जीवन की निरंतरता बनी रहती है. अगर दिल की धड़कन अचानक रुक जाए, तो जीवन समाप्त हो जाता है. पिछले दो वर्षों में जवान लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, जिसमें 30-40 साल की उम्र के युवाओं की मौत हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण हो रही है.

हालांकि दिल की बीमारियां आमतौर पर उम्रदराज लोगों में देखी जाती हैं, लेकिन हाल के वर्षों में कम उम्र के युवाओं में भी इन बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं. बताया जा रहा है कि दिल का दौरा तब पड़ता है जब दिल को ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनी अवरुद्ध हो जाती है.हार्ट अटैक के लक्षणों में सीने में तेज दर्द या दबाव, सीने में जकड़न, दर्द जो कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े और दांत तक फैल सकता है शामिल हैं. इसके अलावा, सीने में जलन, अपच, चक्कर आना, जी मिचलाना और सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है.40 साल से कम उम्र के लोगों में दिल का दौरा पड़ने के 5 प्रमुख कारण-
  1. स्मोकिंग: तंबाकू का सेवन दिल के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
  2. गतिहीन जीवनशैली: शारीरिक गतिविधि की कमी से दिल की धड़कन और रक्त संचार प्रभावित होता है.
  3. खराब डाइट: उच्च कोलेस्ट्रॉल और खराब आहार दिल के रोगों के खतरे को बढ़ाते हैं.
  4. बढ़ता तनाव: मानसिक तनाव भी दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है.
  5. ज्यादा एक्सरसाइज: अत्यधिक व्यायाम से भी दिल पर दबाव पड़ सकता है और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ सकता है.
इन कारकों के कारण कम उम्र में ही युवाओं का दिल उम्रदराजों की तरह कमजोर हो सकता है. यह एक गंभीर चिंता का विषय है और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, सही आहार लेना, नियमित शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन जैसी आदतें अपनाने की सलाह दी जाती है.

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