धोती उठाकर लड़की को दिखाया अपना प्राइवेट पार्ट, फिर नापने के लिए कहा
तिरुवनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने अपनी धोती उठाकर नाबालिग बच्ची को अपना प्राइवेट पार्ट दिखाने वाले आरोपी को राहत देने से मना कर दिया है। HC का कहना है कि यह नाबालिग के यौन उत्पीड़न के बराबर है। साथ ही ये POCSO यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दंडनीय हो सकता है।
बार एंड बेंच के अनुसार, कोर्ट ने कहा, ‘प्राइवेट पार्ट दिखाने के लिए धोती उठाना और फिर उसे पीड़िता से नापने के लिए कहने के आरोप हैं। प्रथम दृष्टया ये POCSO की धारा 11(1) के साथ-साथ IPC की धारा 509 को भी आकर्षित कर सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि POCSO और IPC, दोनों में ही यौन इरादा होना जरूरी है। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि यह प्रथम दृष्टया है और दोष को लेकर फैसला ट्रायल के दौरान किया जाएगा।
नाबालिग के बयान सुनने के बाद कोर्ट का मानना था कि उसका बर्ताव POCSO और IPC के तहत यौन उत्पीड़न का हो सकता है। ऐसे में कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और विशेष न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।