सावन में क्यों नहीं खानी चाहिए कढ़ी, क्या है इसके पीछे छिपा कारण
आज सोमवार से सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो गई है. सावन का महीना इस बार 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलने वाला है. इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पांच सोमवार मिलने वाले हैं.
सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान जलाभिषेक, रुद्राभिषेक से लेकर कई तरह के ऐसे कार्य किए जाते हैं, जिससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके.
सावन में रखें खानपान का ध्यान
सावन माह को लेकर कुछ खास नियम भी बताए गए हैं. पुराणों में इन नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है. ऐसे में इस दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इस बारे में भी बताया गया है. सावन के महीने में कढ़ी खाने की मनाही होती है. आइए, जानते हैं कि ऐसा क्यों है?
सावन में क्यों नहीं खाना चाहिए कढ़ी?
सावन के महीने में कढ़ी इसलिए नहीं खाई जाती है, क्योंकि इस माह भगवान शिव को दूध और दही अर्पित किया जाता है. ऐसे में कच्चा दूध और उससे बनी चीजों का सेवन करना वर्जित होता है. यही कारण है कि सावन में दूध और दही से बनने वाली चीजें खाने की मनाही होती है. साथ ही स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.
कढ़ी न खाने का वैज्ञानिक कारण
- वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए, तो सावन के महीने में कड़ी खाने से स्वास्थ्य खराब होता है.
- वैसे भी ऐसी कई तरह की साग-सब्जियां है, जिन्हें इस दौरान ना खाने की सलाह दी जाती है.
- ऐसी सब्जियों के सेवन से शरीर में पित्त बढ़ने वाले तत्वों की मात्रा में बढ़ोतरी होती है.
- कहा जाता है कि बारिश की वजह से हरी और पत्तेदार सब्जियों में कीड़े लगने की संभावना रहती है. इससे स्वास्थ्य खराब हो सकता है.
- बारिश के मौसम में पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसके कारण दूध से बनने वाली चीजों का सेवन करने पर पाचन की समस्या हो सकती है.