Kargil Vijay Diwas 2024: क्या है शिंकुन ला सुरंग परिजोयना, जिसका उद्धाटन करेंगे पीएम?
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट करेंगे. यह सुरंग लद्दाख के शिंकुन ला क्षेत्र में स्थित है और भारत की बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है. शिंकुन ला सुरंग न केवल देश के सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए आज लद्दाख में दौरे पर हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वर्चुअली लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग (टनल) परियोजना का पहला विस्फोट भी करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट करेंगे. शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किमी लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा. पूरा होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी.
शिंकुन ला सुरंग का उद्घाटन न केवल देश की रणनीतिक शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि इससे लद्दाख और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्रा की सुविधा भी होगी. इस सुरंग के निर्माण से कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में यातायात की सुगमता बढ़ेगी और सेना की त्वरित तैनाती में सहायता मिलेगी.
स्थान और महत्व
शिंकुन ला सुरंग, लद्दाख की ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित है, जहां पर सड़क मार्ग की स्थिति अक्सर चुनौतीपूर्ण होती है. यह सुरंग पारंपरिक यात्रा के समय को कम करेगी और सर्दियों में सड़क पर यातायात की बाधाओं को दूर करेगी.
सुरंग की लंबाई
यह सुरंग 14.5 किलोमीटर लंबी होगी, जो इसे देश की सबसे लंबी सुरंगों में से एक बनाती है.
सैन्य और नागरिक उपयोग
इस सुरंग का उपयोग सैन्य आपूर्ति के साथ-साथ नागरिक यात्रा के लिए भी किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की समग्र कनेक्टिविटी में सुधार होगा.
आर्थिक और रणनीतिक लाभ
यह परियोजना सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है.